यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Tuesday, September 7, 2010
भगवानरुपी हंस
श्री भगवान सिंह हंसजी, आप बिना पासपोर्ट,वीजा के विदेश यात्रा का लुत्फ उठा रहे हैं घर बैठे गंगा नहा रहे हैं प्रेम की गंगा बहा रहे हैं तभी तो भगवानरुपी हंस कहा रहे हैं। सुरेश नीरव
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