यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Tuesday, September 7, 2010
आपकी दुआएं चाहिए।
आदरणीय नीरवजी आपके मैमिषारण्य पर लिखे लेख को पढ़कर मन इतना प्रेरित हुआ है कि मैं सपरिवार अयोध्या की यात्रा पर जाने का विचार बना रहा हूं। आपकी दुआएं चाहिए। मुकेश परमार
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