Search This Blog

Tuesday, October 12, 2010

गीता के स्वर गूँज उठे।

डा. जयराम आनंद
प्रो० डा. जयजयराम आनंद
सम्पर्क: आनंद प्रकाशन ,प्रेम निकेतन E-7/70 अशोका सोसायटी, अरेरा कालोनी ,भोपाल (म.प्र) 462016 फ़ोन: 0755- 2467604 : मो.: 09826927542, मध्य प्रदेश, India (उप शिक्षासंचालक/प्रोफेसर-सेवा निवृत) माता जी का नाम: श्रीमती यशोदा जी पिता जी का नाम: श्री चिरोंजी लाल पत्नी का नाम: श्रीमती प्रेमलता आनंद जन्म तिथि: 1 अप्रेल 1934 जन्म स्थान :ग्राम-नगला सेवा (लायकपुर),पो. परोंखा जिला मैनपुरी (यू.पी.) शिक्षा: एम.ए., एम.एड.विशारद, साहित्यरत्न,पी.एचडी.। सम्पृति:लेखन-कविता /दोहा /लेख /कहानी/ समीक्षा /यात्रावृत/आदि प्रकाशित कृतियाँ: पद्य- घर घर में वसंत ,घर के अन्दर घर, बूँद बूँद आनंद (दोहा संग्रह), अमरीका में आनंद (दोहा संग्रह), गद्य शिक्षा: बुनियादी शिक्षा मेँ समवायी पद्धती, विश्व के महान शिक्षा शास्त्री, शिक्षा, सामाजिक एवम आर्थिकसंर्चना और भारत की सस्कृति के तत्व आदिकाल से 1958 तक, बाल समस्याएँ आदि। अनुवादित :प्राथमिक शालाओ में प्रयोग एवम् प्र्योजनाएँ ,प्राथमिक शिक्षामें क्रीडात्मक क्रियाकलाप ,गोवा बासियों का अमान्वीकरण ,शिक्षक के विशेष गुण ,कक्षामें उत्तरदायित्व एवम बिना उत्तरदायित्व केसमाज्मितीय स्तर । सम्मान :रा.शै .अ .प्र। परिषद न्यू डेल्ही से राष्ट्रीय पुरस्कार 1971, 1975, न अ इ प नई दिल्ली से पुरस्कार 1984.एवम अनेक साहित्यक एवम सामाजिक स्न्स्थायों से सम्मानित । वर्तमान में: स्वतंत्र लेखन कविता समीक्षा कहानी एवम अनेक साहित्यक गतिविधियों में भागीदारी।
गीत-
जब जब मैंने गीत सुनाया

सुनने वाले झूम उठे
नभ में श्याम घटायें छाईं
सुरभित मंद हवाएं आईं
माटी की सौंधी सौगाते
नभ-थल दशों दिशाएँ लाईं
नवलय नव गति तति नति से
छंद गीत के झूम उठे
जन गण मन के अंतस भोले
मिलजुलकर दरवाजा खोले
करुणा का सगा लहराया
आँसू छलके तनमन गीले
गीतों के अनुबंध सलोने
अतापता सब पूँछ उठे
खुली नींद तनमन से जागे
समय समाज सभी के आगे
माँ के आगे शीश झुकाया
गीतों के बुन डाले धागे
जब जब गीत अद्फ्ह्र पर आया
गीता के स्वर गूँज उठे।
डाक्टर जयराम आनंद (भोपाल)
00000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000

No comments: