जयलोक मंगल
आज तो जयलोक मंगल देखकर मन प्रसन्न हो गया। तमाम शायरों की ग़ज़लें और कवियों की कविताएं और नीरवजी का धांसू व्यंग्य पढ़ा। कुल मिलाकर ब्लाग पर रौनक आई हुई है। हंसजी,मधुजी,नीलमजी,प्रलयजी सभी घड़ाधड़ लिख रहै हैं। काफी बढ़िया मैटर आ रहा है। सभी साथियों को बधाई..
अरविंद पथिक
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