यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Tuesday, October 12, 2010
अगर कल के अख़बार की मुख्य खबर हुई कि ईश्वर मर गया है, तो मुझे इतना दुःख नहीं होगा ! ......हाँ अगर मैनें पढ़ा कि मनुष्य कि आशा मर गई है तो अवश्य ही मुझे संताप होगा ! प्रशांत योगी यथार्थ मेडिटेशन इंटर्नेशनल धर्मशाला हि .प्र. ०९४१८१ 11100
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