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Monday, October 11, 2010

हृदय ही सबसे बड़ा तीर्थ है।


जयलोकमंगल के सभी साथियों को नव रात्रि पर्व की हार्दिक मंगल कामनाएं। मातृ शक्ति सभी के जीवन में सुख,समृद्धि और वैभव लेकर आए। गर मन में सात्विक विचार हों तो दिल ही मंदिर बन जाता है। जो लोग किसी कारण सिद्ध पीठों पर जाकर मां के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं वे अपने हृदय में ही जगत जगदंबे की उपस्थिति को अनुभूत करें। आपका हृदय ही सबसे बड़ा तीर्थ है।
मधु मिश्रा
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