दशहरे की अग्रिम शुभकामनाएं
0 जयलोकमंगल के सभी साथियों को दशहरे के पावन पर्व की शुभकामनाएं। हम बुराई को पराजित कर उसके सीने पर अच्छाई का परचम लहराएं। सब साथ-साथ रहें और खुशियां मनाएं।
0 एक मुद्दत के बाद मकबूलजी प्रकट हुए अच्छा लगा। और भी अच्छा लगा यह देखकर कि वो एक बेहतरीन गजल के साथ प्रकट हुए हैं।बधाई।
0 भगवानसिंह हंस का शाश्वत सनातन अभियान निर्बाध गति से चल रहा है। वो निर्बाधगति से भरत चरित की प्रस्तुति कर रहे हैं। उनकी निष्ठा काबिले तारीफ है। अब तो श्री प्रशांत योगीजी ने उन्हें धर्मशाला का आध्यात्मिक आमंत्रण भी दे दिया है। वह इस पर भी ध्यान दें।
0 राजमणिजी ने बेहतरीन गजल पेश की है। आजकल वह अत्यंत महत्वपूर्ण काम करते रहते हैं। वह अपना यह सिलसिला बरकरार रखें। हमारी शुभकामनाएं।0 प्रशांत योगीजी का तो आभार अनुकंपा की कविता है। इतने सुंदर भावों का सृजन वही कर सकता है जिसका मन अहोभाव से परिपूर्ण हो और निश्छलता की चांदनी अपने पूरे सौंदर्य के साथ जिसकी चेतना में उतर आई हो। योगीजी का व्यक्तित्व-कृतित्व काव्यात्मक है।
मेरे प्रणाम..
पंडित सुरेश नीरव000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000
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