यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Tuesday, November 23, 2010
'मन' का मन से नमन
हमें राहत है
कि राहत को मिल गयी राहत
करोड़ पत्नी बन कर
वरना अब तक
पतियों को राहत थी
पत्नियों के पतन से
(माफ़ी चाहती हूँ यदि किसी के पत्नीव्रतता पर मेरी इस शब्दिका से उंगली उठी हो)
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