यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Wednesday, November 17, 2010
कविता के चोर
मेरी बहुचर्चित कविता "बुफे की दावत" को अन्य कवि मंच पर पढ़ ही नही रहे बल्कि पूरी आन-बान-शान से छपवा भी रहे हैं| ऐसे कविता चोरो का क्या किया जाए कृपया अपनी राय दें|
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