प्रिय मित्रगण ,
जयलोकमंगल
दीपावली की रात अमावस्या की रात होती है ,जब पूरा अन्धकार छाया होता है. ऐसे अन्धेरे में हम एक दिये की रोशनी से उस अन्धकार को दूर करने का प्रयास करते हैं .
इस पर्व को सामाजिक सन्दर्भों में देखें तो यह हम सभी का कर्तव्य बनता है अपने आस-पास सभी प्रकार के अन्धेरों, विकारों व नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिये ज्ञान, प्रेम व शांति का एक दिया जलायें.
दीपावली के इस पावन पर्व पर आप प्रकाश को उत्सर्जित करने के इस प्रयास में सफल हों,यही मंगल कामना है.
सफलता आपके कदम चूमे व आपका मान -सम्मान दिग-दिगंत में फैले-शुभ कामनायें

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