यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Saturday, November 27, 2010
भीतर के आलोक से आलोकित हों
श्री प्रशांत योगीजी आप आत्मा के दिव्यप्रकाश से आलोकित हों और समाज को भी आलोकित करें। तथागत बुद्ध के शब्दों में.. अप्प दीपोभव.. जन्मदीन की ढेरों शुभकामनाएं.. डाक्टर प्रेम लता नीलम
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