अभी हाल ही में जुड़े जय लोक मंगल के सभी मित्रों को नव वर्ष में कुछ इस तरह याद करना चाहूंगा :-
कौन जाने उस सुनहरी भोर का आलम
इस लिए तो लिख रहा मैं आज यह तहरीर
दे रहा शुभ कामनाएं मैं तुमेंह नव वर्ष की
आगे बढ़कर खुद लिखो तुम स्वयं की तकदीर
क्षितज पर खड़ा नव दिवस कह रहा
चलो इन पलों को सुनहरा करें
गत वर्ष में जो रंग फीके रहे
आज फिर से उनेंह हम गहरा करें
बी एल गौड़
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