
आदरणीय नीरवजी
मधु चतुर्वेदी की पोस्ट से जानकारी मिली है कि आप लोग धर्मशाला तशरीफ ले जा रहे हैं। और वहां संभवतः बड़ा दिन मनाएंगे। प्रशांत योगीजी के सुखद आतिथ्य की हम यहीं से अनुभूति कर रहे हैं। आपकी यात्रा सार्थक एवं सुखद हो हमारी शुभकामनाएं...
आपको रेडियो एक्टिव साहित्यकार लेख बड़ा धांसू है। कई लोगों की याद आई इस व्यंग्य को पढ़कर। सचमुच कुछ लोग रेडियो की नैकरी के कारण ही साहित्यकार हो जाते हैं।
डॉक्टर प्रेमलता नीलम
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