
सांस्कृतिक समाचार-
राजनीति के माथे पर श्री नीरव ने
लगाया कविता का चंदन
राष्ट्रीय जन परिषद ने नए साल के उपलक्ष्य में मध्यप्रदेश के कटनी शहर में एक सरस कविसम्मेलन का आयोजन किया,जिसमें हिंदी के अनेक कवियों ने कवितापाठ किया। मगर आयोजन को सात्विक ऊंचाइयां प्रदान कीं पंडित सुरेश नीरव ने। पर्यावरण से लेकर अध्यात्म तक हर मुख्तलिफ रंग को कविता में ढालकर जब नीरवजी ने रचना पाठ किया तो पता ही नहीं चला कि समय कहां निकल गया। शुरु से अंत तक श्रोता भावविभोर हुए इस काव्य की फुहार में मुसलसल भीगते रहे। उल्लेखनीय यह है कि शब्द और राजनीति में उन्होंने अपने संचालन में जो वक्तव्य दिया उसे सुनकर उपस्थित विधायक श्री जयराम पोद्दार और पूर्व विधायक तथा दैनिक मध्यदेश के संपादक चंद्र दर्शन गौर ने कहा कि पंडित सुरेश नीरव की वाणी ने आज राजनीति के तपते माथे पर कविता का शीतल चंदन लगाकर एक महती कार्य किया है। और कविता तथा राजनीति के बीच एक सार्थक संवाद की शुरूआत की है। स्वतंत्रता सेनानी जगदीश परमार ने अपनी ओजस्वी रचनाओं से वातावरण को एक नया रंग दिया। कमलेश राजहंस और रचना तिवारी ने भी इस मौके पर कविताएं पढ़ीं। प्रसिद्ध व्यंग्य कवि प्रकाश प्रलय के ऐतिहासिक संयोजन में हुआ यह कविसम्मेलन एक यादगार कवि सम्मेलन बन गया है ऐसा संस्थान के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव का कहना है।
प्रस्तुतिः ओमप्रकाश
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