यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Saturday, December 25, 2010
प्रशांत योगी जी
आपका पोस्ट पढ़ा . आपने बहुत सारगर्भित वक्तव्य दिया हैं . आपको बहुत- बहुत बधाई .
सुरेश नीरव
२६ दिसंबर 2010
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