यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Wednesday, January 19, 2011
भूमिका लिखनी है
आदरणीय नीरवजी आपका स्वदेश लौटने पर स्वागत। आपसे संस्मरण सुने जाएंगे। हाल फिलहाल मेरे काव्य संग्रह की आपको भूमिका लिखनी है। प्रकाशक के यहां है औरआपका बेसब्री से इंतजार था। कब मिलूं बताएं। मुकेश परमार
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