Search This Blog

Tuesday, February 22, 2011

तुझे ये पता नहीं है

तुझे चाहता हूँ कितना , तुझे ये पता नहीं है
तुझे छोड़ और कोई , नज़र में रहा नहीं है

मेरे सामने है दुनिया , मेरे सामने हैं राहें
तेरे पास ला सके जो , वही रस्ता नहीं है

तुझे भूलने की कोशिश कई बार कर चुका हूँ
मेरा दिल बड़ा अजब है कभी मानता नहीं है

मुझे चाहते हैं चेहरे , मुझे चाहतीं हैं खुशियाँ
तुझे छोड़ दिल किसी को कभी सोचता नहीं है

तेरे पास मैं नहीं हूँ , मेरे पास तू हमेशा
मेरा जिस्म दूर है पर ,मेरा दिल जुदा नहीं है

कभी ये `तुषार` सोचा, तेरा क्या नसीब निकला
जिसे चाहता रहा तू तुझे वो मिला नहीं है -
नित्यानंद `तुषार`

No comments: