यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Sunday, February 20, 2011
दर्शन देते रहिए,जनाब
मकबूलजी बेहतरीन गजल के लिए आपको बहुत-बहुत बधाइयां । जल्दी-जल्दी आप अपने दर्शन देते रहिए। पालागन। भगवान सिंह हंस-९०१३४५६९४९
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