श्री राजमणिजी
आप देश के स्वतंत्रता सेनानियों के तीर्थ स्थल सेलुलर जेल से होकर लौटे हैं। जहां तमाम देशभक्तों की यातना गाथाएं वहां की हवाओं में आज भी तैरती हैं। अंडमान निकोबार हमारी आजादी के संग्राम का सनातन स्मारक है। बलिदान और आत्म गौरव से लवरेज वादियों की खुशबू से आपने जयलोकमंगल ब्लॉग को भी सुगंधित कर दिया है। और वसंत से पहले ही वसंत ला दिया है। मेरा रंग दे बसंती चोला की अमर धुन एक बार फिर जागृत हो गई। इस पुण्य कार्य हेतु आपको अनेक साधुवादपंडित सुरेश नीरव
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