
मन का मन से नमन
एक छोटी सी पेशकश -
अमर्त्य !
प्रेम के अलावा
सिर्फ दुःख है
जिसका ताल्लुक
दिल से है
वह टहलता हुआ
कहीं भी पंहुच जाता है
अनिमंत्रित !
प्रेम के अलावा
सिर्फ दुःख है
जिसकी किस्में नहीं होती
वह अपने भदेस रूप अपनाए
रंग के साथ
करता है चहलकदमी
प्रेम के अलावा
सिर्फ दुःख है
जिसकी मृत्यु नहीं होती
मंजु ऋषि (मन)
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