Search This Blog

Tuesday, February 1, 2011

यात्रा-संस्मरण की ढ़ेर सारी बधाईयाँ

पंडित सुरेश नीरवजी



आदरणीय पंडितजी आपका यात्रा-संस्मरण पढ़ा। कुछ दुःख हुआ और कुछ ख़ुशी हुई। लेकिन ख़ुशी का घनत्व व वजन ज्यादा हुआ। अतः कुल मिलकर आपकी यात्रा सुखद और सफल रही। आपको बहुत -बहुत बधाई। पालागन ।
भगवान सिंह हंस

No comments: