यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Tuesday, March 1, 2011
मन का मन से नमन
मनोज दीक्षित जी को जयलोकमंगल का सदस्य बनने पर बधाई
आपकी रचना "ये सांझ मेरी असनाई में कुछ यादें और सजा दे तू... " ने दिल को छू लिया बधाई
1 comment:
थैक्स मंजु जी....
आपका प्रोत्साहन बहुत अच्छा लगा....
उम्मीद है कि आगे भी मुझे आपकी टिप्पणी मिलेगी।
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