यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Saturday, March 26, 2011
ये प्रशांत योगी ....भगवान् कैसे हो गए ? लेकिन नीरव जी ने भी कुछ सोच कर ही उन्हें इस संबोधन से अलंकृत किया होगा !................ईशु
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