आज पंडित सुरेश नीरव ने भगवान लिखा है- प्रशांत योगी को। मैं स्वयं प्रशांत योगी का प्रशंसक हूं,मगर पंडितजी ने जो उन्हें संबोधन दिया क्या वह क्या उचित है,और क्या आम जनता इसे सहज स्वीकार कर लेंगे। मेरी यही जिज्ञासा है में पंडितजी और योगीजी से स्पष्टीकरण जानना चाहूंगा। कृपया इसे अन्यथा न लें।
-भगवान सिंह हंस
-भगवान सिंह हंस
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