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Sunday, April 17, 2011

फेस बुक की कृपा

एक दिन अचानक
मेरी काम वाली बाई
काम पर नहीं आई

तो पत्नी ने फोन करके डांट लगाई
अगर तुझे आज नहीं आना था
तो पहले बताना था

वह बोली-
मैंने तो परसों ही
फेसबुक पर लिख दिया था कि
एक सप्ताह के लिए गोवा जा रही हूं

पहले अपडेट रहो
फिर भी पता चले तो कहो

पत्नी बोली-
तो तू भी फेसबुक पर है

उसने जवाब दिया-
मैं तो बहुत पहले से फेसबुक पर हूं
साहब मेरे फ्रैंड हैं!
बिलकुल नहीं झिझकते हैं

मेरे प्रत्येक अपडेट पर
बिंदास कमेंट लिखते हैं

मेरे इस अपडेट पर
उन्होंने कमेंट लिखा
हैप्पी जर्नी, टेक केयर,
आई मिस यू, जल्दी आना
मुझे नहीं भाएगा पत्नी के हाथ का खाना

इतना सुनते ही मुसीबत बढ़ गई
पत्नी ने फोन बंद किया
और मेरी छाती पर चढ़ गई
गब्बर सिंह के अंदाज में बोली-
तेरा क्या होगा रे कालिया!

मैंने कहा- देवी!
मैंने तेरे साथ फेरे खाए हैं
वह बोली-
तो अब मेरे हाथ का खाना भी खा!

अचानक दोबारा फोन करके
पत्नी ने कामवाली बाई से
पूछा, घबराए-घबराए
तेरे पास गोवा जाने के लिए
पैसे कहां से आए?

वह बोली- सक्सेना जी के साथ
एलटीसी पर आई हूं
पिछले साल वर्मा जी के साथ
उनकी काम वाली बाई गई थी
तब मैं नई-नई थी

जब मैंने रोते हुए
उन्हें अपनी जलन का कारण बताया
तब उन्होंने ही समझाया
कि वर्मा जी की कामवाली बाई के
भाग्य से बिलकुल मत जलना



अगले साल दिसंबर में
मैडम जब मायके जाएगी
तब तू मेरे साथ चलना।

पहले लोग कैशबुक खोलते थे
आजकल फेसबुक खोलते हैं
हर कोई फेसबुक में बिजी है

कैशबुक खोलने के लिए कमाना पड़ता है
इसलिए फेसबुक ईजी है

आदमी कम्प्यूटर के सामने बैठकर
रात-रात भर जागता है
बिंदास बातें करने के लिए
पराई औरतों के पीछे भागता है

लेकिन इस प्रकरण से
मेरी समझ में यह बात आई है
कि जिसे वह बिंदास मॉडल समझ रहा है
वह तो किसी की काम वाली बाई है
जिसने कन्फ्यूज करने के लिए
किसी जवान सुंदर लड़की की फोटो लगाई है

सारा का सारा मामला लुक पर है
और अब तो मेरा कुत्ता भी फेसबुक पर है

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