- RECENT ACTIVITYयह कविता मेरी पुस्तक तुम्हारे लिए (2009)में संकलित है . पुस्तक की भूमिका पद्मश्री गोपाल दास नीरज जी ने लिखी है . प्रकाशक : सरस्वती प्रतीक संस्थान , 525ए / 624 , छ्परतला चौराहा , सेक्टर - ए , महानगर , लखनऊ ;डा. नागेश पांडेय 'संजय' ,
ई -मेल- dr.nagesh.pandey.sanjay@gmail.com
यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Wednesday, April 20, 2011
इन चोरों का क्या किया जाये ?
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2 comments:
चोरों को माँ वीणापाणि का वरदान नहीं मिलता है!
चोरों को माँ वीणापाणि का वरदान नहीं मिलता है!
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