आदरणीय कर्नल विपिन चतुर्वेदीजी,
बहुत सुंदर गीत लिखा है आपने। ये पंक्तियां तो विश्वास और आस्था का मंत्र हैं-
बहुत सुंदर गीत लिखा है आपने। ये पंक्तियां तो विश्वास और आस्था का मंत्र हैं-
मेरा मस्तक ऊँचा रहता, केसी भी आफत आई हो
मेरी न विश्व मैं मंजिल है, हर कठिन किनारा पथ मेरा
तूफ़ान भरे है मुझमें ही, तूफानी सागर रथ मेरा
तूफानों की ज्वाला मैं दमकाया है जीवन कुंदन को
ये युगों युगों तक गूंजेगा जो गीत सुनाऊंगा तुमको..
मेरी न विश्व मैं मंजिल है, हर कठिन किनारा पथ मेरा
तूफ़ान भरे है मुझमें ही, तूफानी सागर रथ मेरा
तूफानों की ज्वाला मैं दमकाया है जीवन कुंदन को
ये युगों युगों तक गूंजेगा जो गीत सुनाऊंगा तुमको..
बधाई
पंडित सुरेश नीरव
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