याद आ गया आज तुम्हारा पीला चेहरा
मित्रों आज बडे दिनों के बाद एक
गीत हुआ।बाहर वाले गीत सुनकर कहीं ---आंख दबाकर ना मुस्कुराये अतः पहले आपकी अदालत
मे पेश कर रहा हूं,मुझे थोडा सा भी प्यार -दुलार करते हैं तो कैसा बन पडा है ये गीत
बतायें ज़रूर,बतायेंगे ना----
चेहरे पर चेहरे चिपकाना सीख लिया
रोते-रोते हंसना-गाना सीख लिया
गुणा-भाग ना आता था, ना आया हमको
तुमने कब से गणित लगाना सीख लिया?
उलझन मे हूं देख तेरा मैं नीला चेहरा
आया याद वही हमको रंगीला चेहरा
उस चेहरे को देखे बरसों बीत गये
सबका सूनापन भरने में रीत गये
लगता है दुनिया वाले हमसे जीत गये
कहीं गुम गया जबसे वह गर्वीला चेहरा
याद आ गया आज तुम्हारा पीला चेहरा
आंखों की शबनम से थोडा गीला चेहरा
आंखों की शबनम से थोडा गीला चेहरा
चेहरा मानो चेहरे के ऊपर चेहरा
था
याद आ गया हमको वह शर्मीला चेहरा
चेहरे पर चेहरे चिपकाना सीख लिया
रोते-रोते हंसना-गाना सीख लिया
गुणा-भाग ना आता था, ना आया हमको
तुमने कब से गणित लगाना सीख लिया?
उलझन मे हूं देख तेरा मैं नीला चेहरा
याद आ गया आज तुम्हारा पीला चेहरा
चेहरा जिसको देख सांस थम जाती थी
चेहरा जिसके लिये नींद ना आती थी
खुली आंख से बंद पलक तक रहता था
जिसका हर एक ज़ुल्म खुशी से सहता था
आया याद वही हमको रंगीला चेहरा
आंखों की शबनम से थोडा गीला चेहरा
उस चेहरे को देखे बरसों बीत गये
सबका सूनापन भरने में रीत गये
कभी नही माना था हमने आज मगर
लगता है दुनिया वाले हमसे जीत गये
कहीं गुम गया जबसे वह गर्वीला चेहरा
याद आ गया आज तुम्हारा पीला चेहरा
---अरविंद पथिक
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