यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Friday, December 9, 2011
मेरे पर निकलने लगते हैं
बुरे दिनों से बचाना मुझे मेरे मौला क़रीबी दोस्त भी बचकर निकलने लगते हैं बुलन्दियों का तसव्वुर भी ख़ूब होता है कभी कभी तो मेरे पर निकलने लगते हैं -राहत इन्दौरी
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