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Friday, December 30, 2011

HAPPY NEW YEAR 2012

नव वर्ष की आहट
खटखटा रही है चौखट
चौखट पर खड़ा लोकपाल  
दिख रहा है असंतुष्ट  बेहाल  
बीतने को है पुराना साल 
फिर भी कुछ नहीं बेमिसाल 
 वही  रोटी वही दाल 
वही  हड्डी  वही खाल
वही  चड्डी  वही रुमाल 
है कोई?जो पूछे हमारा हाल
बिगड़ रही है हमारी चाल
पास में कुछ नहीं बचा है माल 
अब तो होने को है कंगाल 
बुनना पड़ेगा कोई  जाल
जो हमें कर दे  मालामाल
वरना बेकार है बजाना गाल 

कहिये कैसा है हमारा ख्याल 
मुबारक हो आपको नया साल ||
          रजनी कान्त शर्मा "राजू"

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