यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Wednesday, January 11, 2012
थक गए नैना राह तक के
ओढ़कर नींद की चादर ख्वाब में रोज़ आते तुम,रात के तानपूरे पर लोरियां-सी सुनाते तुम-पंडित सुरेश नीरव
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