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Saturday, August 4, 2012

आंदोलन क्रांति बनना तो दूर मज़मा बन कर रह गया।

अरविंद पथिक
आंदोलन क्रांति बनना तो दूर मज़मा बन  कर रह गया।बलिदान का तात्पर्य यह नही कि इनमें से किसी को प्राण त्यागने की ज़रूरत थी पर जेल तो जा सकते थे--कुछ तो ऐसा करते जिससे उस युवा को जो आपको फेसबुक पर दिन रात शेयर कर रहा था,जो कांटों पर लेटकर अनशन कर रहा था कम से कम फेस सेविंग का अवसर तो मिल पाता'।ये दिल्ली मुंबई के लोग उनकी मनोदशा नहीं समझ पायेंगे जो छोटे-छोटे गांव कस्बो तक में अन्ना के लिये पडोसियों से झगडा करते हैं वे आपके बौद्धिक तर्क खुद भले ही समझ जायें पर दूसरों को कैसे समझायेंगे?आर-पार का मतलब राजनीतिक पार्टी का गठन ये किस शब्दकोश में है भाई। मुलायम सिंहजी बधाई हो आप देश के अगले प्रधानमंत्री हैं।
अरविंद पथिक और पं० सुरेश नीरव जैसे  अन्ना टीम टाइप लोगों को करीब से जानने वाले देश को हताश देखने -और पीछे जाते देखने को अभिशप्त हैं।

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