यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Friday, September 7, 2012
मज़ा आ गया.
भाई प्रकाश प्रलयजी,
आप राजूजी के कार्यक्रम में नहीं आ पा रहे मगर आपकी शुभकामनाएं साथ हैं समझ लीजिए कि आप सशरीर साथ ही हैं। मैंने आपकी शब्दिका पढ़ी मज़ा आ गया। बधाई।
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