यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Saturday, February 8, 2014
आम जन की आस से ऊंचा हुआ है आदमी , आम रहकर ख़ास से ऊंचा हुआ है आदमी। घनश्याम वशिष्ठ
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