आपका व्यंग्य


प्रशांत योगीजी का आरक्षण को लेकर जो आलेख है वह सामाजिक समस्या के समाधान का आद्यात्मिक प्रयास है। लेकिन जब तक देश में वोटों की राजनीति है तब तक आरक्षण समाप्त नहीं होगा यह तय है। परंपराओं पर उनका लेख हमें नए ढ़ंग से सोचने की प्रेरणा देता है।
आदरणीय श्री विश्वमोहन तिवारीजी पंडित रामप्रसाद बिस्मिल के बलिदान दिवस पर कविगोष्ठी का आयोजन कर रहे हैं, यह एक महत्वपूर्ण कार्य है। हमें आज के दौर में अपने शहीदों को पूरे शिद्दत के साथ करना चाहिए। मैं इस कार्यक्रम की सफलता की कामना करता हूं। अपरिहार्य कारणों से शहर से बाहर मुझे जाना पड़ रहा है,इसलिए चाहकर भी सम्मिलित नहीं हो पा रहा हूं।

भगवान सिंह हंस
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