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Friday, February 11, 2011

हंसजी का जवाब नहीं है

आज ब्लॉग पर बहुत ज्ञानवर्धक और रोचक सामग्री पढ़ने को मिली तबियत खुश हो गई। सामयिक लेख, महाकाव्य के अंश, मिश्र, पर जानकारी, प्रेम गीत, मानवता के शोषण से उपजा दर्द और महागुरु ईशु का प्रवचन। बारी-बारी से यदि सभी का उल्लेख किया जाए तो डॉक्टर नागेश पांडेय और डाक्टर मधु के मधुर गीत, अभिषेक मानव का ज्वलंत आलेख भगवानसिंह हंस का भक्ति महाकाव्य,अमित हंस का दार्शनिक मुक्तक हीरालाल पांडेय का मिश्र के ऊपर लिखा लेख और राजमणि के सेलुलर जेल के खींचे फोटो काफी सेहतमंद खुराक है जो हमें जयलोकमंगल की ओर ले जाती है। और प्रशंसा करने को विवश कर देती है। मैं सभी बंधुओं का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। हां आजकल जितनी अच्छी समीक्षाएं हमारे हंसजी कर रहे हैं उनका तो जवाब ही नहीं हैं। वे खुद ही अपनी बात का जवाब हैं और कोई नहीं है। उनके जवाब में।
पंडित सुरेश नीरव

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