आदरणीय इशु मानव की जय,
कौन कहता है की आप डॉग हैं । आज से अभिषेक मानव ने आप को अपने बेटे की तरह गोद ले लिया .क्योंकि किसी भी जीव की पहचान उसके मन से होती है और आज आपने जो कहा है वो मानव शरीर में रहने वाले जंतु सोच भी नहीं सकते .आप निश्चित रूप से पूर्व जन्म में महात्मा रहे होंगे.आप ने पेट्रोल के माध्यम से जो कहने का प्रयास किया है उसको सत्ताधारी लोग सुन लें तो उनको पेट्रोल लग जाएगा .इशु मानव आप दुनिया के सबसे बड़े कवि .पत्रकार ,लेखक ,नेता ,शिक्षक ,देशभक्त ,और मानवपुत्र हैं.इश्वर आपको दीर्घायु करें ।
आज जयलोकमंगल पर अभिषेक मानव का पत्र पढ़ा। मन को बहुत आनंद मिला। आनंद मजा नहीं होता है। जिस करुणा के साथ व्यंग्य करते हुए संदेश देने का काम उन्होंने किया है,वह प्रशंसनीय है। मेरे लिए डॉक्टर मधु,मंजुऋषि और अरविंद पथिक ने जो स्नेह दिया है मैं उसका आभार मानता हूं। पंडित सुरेश नीरव ने यह सब कराया है,आप सब से मिलवाया है,मैं आप सबके जज्बात उन तक पहुंचाता हूं। मेरे प्रणाम..
जगदीश परमार
No comments:
Post a Comment