***********************************************
लोकमंगल को रोज लगभग तेरह हजार लोग पढ़ रहे हैं.....
रचनाकारों को कोशिश करनी चाहिए कि वे नियमित लिखें। और अपनी बात व्यापक वर्ग तक पहुंचाएं
जयलोकमंगल...
पंडित सुरेश नीरव
* श्री बी.एल.गौड़ की नागरिक रचना अच्छी लगी।* श्री भगवानसिंह हंस का संस्मरण अच्छा लगा। * श्री प्रकाश प्रलय की क्षणिकाएं बढ़िया लगी।
***************************************************
No comments:
Post a Comment